सभ्यता के विकास के साथ शहरीकरण की प्रवृत्ति भी बढ़ी है। शहरी क्षेत्रों में अवस्थापना तथा मूलभूत नागरिक सुविधाओं पर अपेक्षाकृत अधिक दबाव होने के कारण कालान्तर से ही शहरों के सुनियोजित विकास की आवश्यकता का अनुभव किया जाता रहा है। इसी क्रम में प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों को एक स्वतंत्र इकाई, नगरीय स्थानीय निकाय, के रूप में अंगीकार किया गया है। उत्तर प्रदेश भारत वर्ष में सर्वाधिक जनसंख्या के साथ ही सर्वाधिक नगरीय स्थानीय निकायों वाला प्रदेश है। वर्तमान में उत्तर प्रदेश में कुल 762 नगरीय स्थानीय निकायें हैं, जिनमें 17 नगर निगम, 200 नगर पालिका परिषद एवं 545 नगर पंचायत हैं। प्रदेश की लगभग 22 प्रतिशत से अधिक आबादी इन नगरीय स्थानीय निकायों में निवास करती है। नगरीय स्थानीय निकायों के क्षेत्र में निवास करने वाली जनसंख्या को मूलभूत नागरिक सुविधाएं यथा- स्वच्छ पेयजलापूर्ति, सड़कें/गलिया, जल निकासी, सफाई व्यवस्था, कूड़ा निस्तारण, सीवरेज व्यवस्था, मार्ग प्रकाश, पार्क, स्वच्छ पर्यावरण, आदि उपलब्ध कराया जाना, इन नागर स्थानीय निकायों का कर्तव्य एवं उत्तरदायित्व है।